सूचनाओं की डाइटिंग
सूचनाओं की डाइटिंग : ******************
जिस तरह शरीर को खान पान में एक सीमा के अंदर intake जरूरी है। उसी तरह समाज में बिखरी तमाम तरह की जानकारियों और सूचनाओं में से हर चीज़ को हम ग्रहण करें ये आवश्यक नहीं। जो जरूरी हो सिर्फ वही अंदर लिया जाए।
जैसे जंक फूड होते हैं जो शरीर के अंदर की प्राकृतिक व्यवस्था को हानि पहुंचाते हैं ।उसी तरह जंक सूचनाएं भी होती हैं जो अनावश्यक ही हमारे मानसिक स्थिरता को अस्थिर करती है।मन को उलझा कर रखती हैं। ये मानसिक सेहत के लिए हानिकारक होती है। इसलिए अवांछित सूचनाओं और जानकारियों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। इसके लिए गैर सेहतमंद सूचनाओं की छटनी आवश्यक है।
विशेषज्ञों की राय तो ये कहती है कि सोशल मीडिया की हर जानकारी को जिससे हमारा सरोकार नहीं उसे यथासंभव छटनी करके पढ़ा और देखा जाए। इससे वह सूचनाएं दूर रहेंगी। आजकल के दौर में जो रील्स और शॉर्ट्स का चलन बढ़ा है। वह एक घातक लत है। जो हमारा कीमती समय खराब करके दूसरे की कमाई बढ़ाती है।उलजुलूल कंटेंट के साथ कुछ भी देखने से कोई उपलब्धि हाँसिल नहीं हो रही। लेकिन फिर भी सभी बस देखें जा रहे।
आज अखबार पत्र पत्रिकाएं फिर भी कुछ हद तक विश्वसनीय है। जिनमें जानकारियों पर भरोसा किया जा सकता है। इस लिए सबसे बेहतर ये है कि तय किया जाए कि हमें क्या देखना है क्या नहीं...और मन कड़ा करके उस चीज़ को आंखों के सामने आने पर भी ignore किया जाए। चाहे वह कितना भी लालच दे। यही करके हम सूचनाओं की डायटिंग कर सकते हैं। जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। शारीरिक स्वास्थ्य बचाने जे लिए जंक फूड avoid करें। मानसिक स्वास्थ्य बचाने के लिए जंक सूचनाएं avoid करें।खुद को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका है।
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