सोशल मीडिया का इको चैम्बर

 सोशल मीडिया का इको चैम्बर : ***********************

इंटरनेट की सुलभ उपलब्धता से हर हाथ सोशल मीडिया पहुंच चुका है। आप सभी ने ये नोटिस किया होगा कि जिस तरह की रील्स या वीडियोस आप रेगुलर देखते हैं।सोशल मीडिया फिर बार बार वही दिखाता रहता है। क्योंकि उसे आपके विचार और रुचियों का पता चल जाता है। हमारे विचारों से मिलते जुलते content लगातार देखते रहने से हमारी सोच पक्की होने लगती है। और हम rigidity की ओर बढ़ने लगते हैं।

यही वो इको चैंबर है जिसकी गिरफ्त में हम आ जाते है। जो हमारे लिए तो हमारा favorable होता है। पर यदि वह रुचि या आदत समाज के अनरूप नहीं तो गड़बड़ी हो जाती है। 

उदाहरण से समझते हैं। मैं cooking की शौकीन हूँ।तो मुझे you tube या fb पर ज्यादातर वीडियो cookery से ही जुड़े दिखते है। diffrent recipies के....एक बार मैं किसी recipe की reel देख रही थी,अचानक किसी काम से उठी और उस समय continuation में कोई adult reel आ गयी और वह repeatedly दो तीन बार मेरे mobile में चल गई। जब देखा तो उसे तुरन्त block किया। पर अगली बार जब भी कोई cooking video देखनी चाही। आगे के लिए साथ में adult reel ready रहती है। क्योंकि उसे लगा कि मैं ये content देखने में interested हूँ। 

अब इस स्थिति को किसी नव युवा के नज़रिए से देखिए। अगर उसके साथ ऐसा होए। तब तो बार बार वो वही content देखना चाहेगा ना...क्योंकि उसकी उम्र वही सब देखना चाहती है। ये वो इको चैम्बर है जिसमें कोई एक फंस कर रह जाता है। 

ये इको चैंबर कट्टरता बढ़ाता है। अल्गोरिदम के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफार्म हमें वही कंटेंट दिखाते हैं।जो हमारे पहले से मौजूद रुचियों और विश्वासों से मेल खाता हुआ रहता है। और इसमें दिक्कत तब आती है जब वह content 50% भ्रामक जानकारियों से भरा हुआ हो। एक रिसर्च के अनुसार 64 से 70 फीसदी लोगों का मानना है कि सोशल मीडिया गलत सूचनाओं और विभाजनकारी सामग्री को circulate  करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोशल मीडिया ने इस इको चैंबर में लोगों को इस तरह कैद करके रख लिया है कि वह उसी दुनिया में रहना पसंद करते है।

किसी का भी चहुंमुखी विकास तब होता है जब वह सभी विधाओं में अपनी पकड़ बनाये। पर जब हमने एक ऐसा घेरा बना लिया जहां हम सिर्फ खुद को अच्छा अच्छा लगने वाला सब अपने इर्द गिर्द रखें तो ऐसे में विपरीत से लड़ने की इच्छाशक्ति और सोच कैसे पैदा होगी ...?????

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