नए जमाने में जी रही
नए ज़माने में जी रही........ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~
नए जमाने में जी रही पर ख़यालात थोड़े पुराने रखती हूं कपड़े मॉडर्न पसन्द करती हूं पर तन ढकें रहने में यकीं करती हूं अपनी चाहतों पर जीती हूँ पर ज़िन्दगी की हदें पहचानती हूँ रिश्ते सभी दिल से जोड़ती हूँ सिर्फ हालचाल से मतलब नहीं रखती हूं नई रिवायतों के साथ जीती हूँ पर खुले विचारों के नाम पर बेहयाई से बचती हूँ अपने हक़ की दलील जरूरी है पर दूसरे की बात का भी महत्व समझती हूं बदलाव मुझे भी पसन्द है पर अश्लीलता भरी आधुनिकता से बचती हूँ नए जमाने में जी रही पर अब भी थोड़ी थोड़ी पुरानी रहती हूं ~ जया सिंह ~
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