मुझे ख़ुद से मिला दो
मुझे ख़ुद से मिला दो : •••••••••••••••••••••
ये पंक्तियां समर्पित है जीवनसाथी को, जो हर हाल में हर परिस्थिति में, हर मनःस्थिति में साथ खड़े रहते हैं बच्चे बड़े होकर अपनी जिंदगियों में व्यस्त हो जाते है। पर जीवनसाथी एक दूसरे के संग ताउम्र साथ रहकर मजबूती से एक दूसरे को थामे रहते हैं.....!!
जब भी खुद की तलाश करूँ तुम मुझे खुद से मिला दिया करो जब भी उलझ जाऊं जिंदगी में तो तुम समेट कर सुलझा दिया करो जब कभी गलत होऊँ या सही तुम मुझे टोककर बता दिया करो बंजर जमीं सी है मन की धरा स्नेह की बारिश बरसा दिया करो कभी जो अपने व्यक्तित्व को भूलूँ खुद को मेरा आईना बना दिया करो जब कभी भटक जाऊं भीड़ में थामने को अपना हाथ बढ़ा दिया करो मुश्किलों में मैं अकेली नहीं तुम साथ हो ये जता दिया करो परिस्थितियाँ हक़ की ना हो तो भी संग का हौसला दिला दिया कर बहती नदिया सी जो किनारे छोड़ूँ तो बांध बन सीमाएं बता दिया करो जब भी मैं ख़ुद की तलाश करूँ तुम मुझे ख़ुद से मिला दिया करो ~ जया सिंह ~
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