तुझमें जो ख़ास है :
तुझमें जो ख़ास है .....! •••••••••••••••••••••
तुझमें जो बहुत कुछ ख़ास है... बेतरतीब भीड़ में उसकी असरदारी रख दिल हर किसी से मिलता नहीं... तो क्या जुबान तो सबसे प्यारी रख पहचान होए तेरी सबसे हटकर... खुद में ऐसी हुनर की कलाकारी रख दुनिया की बातें, क्या सुननी... क्या अनदेखी करनी ये समझदारी रख जो मन भाए ना उसे तज दे... हौसलों में ऐसी अविचल दिलदारी रख परिस्थितियां कितनी भी विकट होए... हमें तोड़ ना सकेंगी हर वक्त ये तैयारी रख सरल होकर भी सजग रहें.... दुनिया के दांवपेंचों की होशियारी रख उम्र परिपक्व बना रही तो क्या... उत्साह वास्ते अंदर बच्चे सी किलकारी रख राहें कितनी भी गलत दिशा दिखाएं.... सही को चुनने में अपनी होशियारी रख
~ जया सिंह ~
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