उपवास या व्रत
उपवास या व्रत : ~~~~~~~~~~~
इंसान का शरीर भोजन से ही चलता है उसे कार्य करने की ऊर्जा भोजन से ही मिलती है। पर कभी ये सोचा कि हमारा शरीर भी एक मशीन की तरह है। जिसे चलते चलते कभी कभी थोड़े आराम की आवश्यकता पड़ती है। थोड़ी oiling, थोड़ी greecing, थोड़ी maintenance और थोड़ी care। उसका समाधान भी हमारी दिनचर्या से ही निकलता है।
सप्ताह में कम से कम एक दिन का उपवास रखें और यदि सप्ताह में एक दिन का आप उपवास नहीं रख सकते तो कम से कम १५ दिन में एक उपवास रखना जरूरी होता है... उपवास रखने से हमारे शरीर की जठराग्नि को जब भोजन नहीं मिलता तो जठराग्नि आंतों के भीतर के सड़े हुए को पचाने लगती है, और जब वह अन्न भी पच जाता है, तब वही जठराग्नि आंतों के भीतर के डैड और बीमारु कोशिकाओं को खाने लगती है, और शरीर में नयी कोशिकाएं बनती है!
उपवास करने की सही विधी : •••••••••••••••••••••••••••
बताई गयी विधी से ही उपवास किया जाए तभी उपवास का 100 % फायदा मिलेगा....
1--उपवास रखने से ठीक एक दिन पहले शाम को हल्का भोजन करना चाहिए जैसे मूंग की दाल या जौ का दलिया या हल्की पचने योग्य वस्तु का सेवन।
2- उपवास वाले दिन से एक दिन पहले शाम को ही अपने मस्तिष्क को और अपने मन को उपवास रखने के लिए पहले से तैयार कर लें।
3 - प्रातः काल बिस्तर से उठने से पहले यह निश्चित कर लें कि आज आपका उपवास है!
4 - प्रातः काल उठते ही शरीर के तापमान के अनुकूल एक गिलास पानी पी लें।
5 - उपवास के समय दिन भर कुछ भी नहीं खाना है, ना ही कोई फल और ना ही किसी प्रकार की चाय और ना ही काफी का सेवन करना है ।
6 - उपवास के समय दोपहर में एक गिलास जल पीएं और सांयकाल सूर्यास्त से पूर्व भी एक गिलास जल पीएं !
7 - उपवास के दिन कम से कम बोलें और अधिक परिश्रम का कार्य ना करें
8 - उपवास में मेडिटेशन आदि करें और अपने इष्ट या कुलदेवता का ध्यान करें
9 - रात्रि सूर्यास्त के समय पूजा अर्चना या उपासना करने के पश्चात् बिल्कुल हल्का भोजन करें जो दो- तीन घंटे में पच जाए और अधिक भोजन ना करें तथा भोजन में नमक ना हो
10 - जो लोग शरीर से कमजोर अथवा बीमार हैं, वे उपवास में अनार का जूस और नारियल पानी तथा पपीते का सेवन करें!
11 - जो लोग सक्षम हैं वे उपवास के दिन रात में सूर्यास्त के पश्चात् पपीते का सेवन या जौ का दलिया का सेवन करके सो जाएं और उपवास को अगले दिन सुबह हल्के भोजन के साथ खोलें
12 - उपवास की समाप्ति पर कभी भी मोटी दालें अथवा बासी अनाज अथवा चटपटी और तेल तथा मसालेदार भोजन ना करें अपितु मूंग की दाल, जौ का दलिया, लौकी, तौरी, और हल्की सब्जी या खिचड़ी के साथ उपवास की समाप्ति करें..
सामान्यतः व्रत उपवास में किसी भी प्रकार का फल और अन्न वर्जित होता है। किंतु जो लोग किसी शारीरिक कारणवश उपवास में बहुत देर भूखे नहीं रह सकते वो फल खाना सकते हैं उनके लिए पपीता और केला सर्वोत्तम आहार है। आम- संतरा भी उपवास में लिया जा सकता है।
किंतु उपवास में किसी भी प्रकार का भोजन करने से बचें...
उपवास रखने से शरीर की शुद्धि होती है।
उपवास रखने से मन की शुद्धि होती है।
उपवास रखने से मस्तिष्क शांत होता है।
उपवास रखने से लीवर रिचार्ज होता है।
उपवास रखने से आंतो के भीतर और लीवर के भीतर यदि कोई घाव हो तो उसे भरने का समय मिल जाता है।
उपवास सभी को करना चाहिए । उपवास अनेक प्रकार के होते हैं, और हर प्रकार का उपवास एक आयुर्वेदिक उपचार ही है।
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