वक्त मिले तो आना ज़रूर
वक्त मिले तो आना ज़रूर 😊 •••••••••••••••••••••••••
कभी वक्त मिले तो आना ज़रूर आकर मुझे सीने से लगाना ज़रूर.... अगर मैं रूठ जाऊं यूँ ही किसी बात पर। तो पुचकार कर मनाना ज़रूर कभी जो मैं कहीं जाने की जिद धरूँ। तुम वापस लाने को आना ज़रूर ..... नहीं चाहिए वादा सात जन्मों वाला बस मेरे हर कल को अपना बनाना ज़रूर मैं कहूँ या ना कहूँ अपने मन के हाल मेरी अनकही को समझ जाना ज़रूर हक़ जता कर समझा देना तुम्हें फ़िक्र है थोड़ा डांट कर फिर मनाना ज़रूर..... मेरे सपने तुमसे जुड़े है ये महसूस करना उन्हें सहेजने की रस्म निभाना ज़रूर मेरी ऊलजलूल हरकतों को प्यार समझ कभी कभी हल्के से मुस्कुराना ज़रूर जो मैं तुम्हारी हामी में नज़रें झुकाऊं तो तुम भी मेरे लिए नज़रें झुकाना ज़रूर
~ जया सिंह ~
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