जिम्मेदारी
जिम्मेदारी :
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जिम्मेदारी का अहसास क्या होता है ?? क्या ये हर व्यक्तित्व का यूँ ही होने वाला एक हिस्सा भर है या किसी पद , स्थिति या समाज का हिस्सा बन जाने के बाद आ जाता है। एक आम और अकेला इंसान भी क्या किसी के प्रति जिम्मेदार हो सकता है ?? जी हां वो भी स्वयं के प्रति जिम्मेदार होता है। खुद को सही रखने की जिम्मेदारी , अपने व्यक्तित्व को मजबूत रखने की जिम्मेदारी, अपनी एक जगह और पहचान बनाने की जिम्मेदारी, अपनी जरूरतें पूरी करने की जिम्मेदारी आदि आदि ....लेकिन जब समाज में रहते हुए किसी पद, स्थिति या स्थान का हिस्सा बन जातें हैं तो ये जिम्मेदारियाँ क्या और बढ़ नहीं जाती ??
अपेक्षाओं से जिम्मेदारियों में इज़ाफ़ा होता है। क्योंकि जवाबदेह होने के नाते उसे पूरा करना फ़र्ज़ बन जाता है। व्यक्ति वही सही है जो लोगों की अपेक्षाओं को आधार मान कर अपनी जिम्मेदारियां पूरी करते हैं। क्योंकि तब ही जिम्मेदारियों की पूर्ति सही तरीके से होने का आंकलन किया जा सकता है।
अगर वो जिम्मेदारियाँ मानने से कतराया जाये तो स्वयं को सबसे जुड़ा नहीं मान सकते। जिम्मेदारी का भाव कैसे पनपता है ? ? अगर कोई हर स्थिति में स्वयं को सबके बीच रखकर स्थिति का आंकलन करता है। जिससे उसके भी अहसास उमड़ते हैं । सुख-दुःख और तटस्थता में उसी प्रकार की प्रतिक्रिया से सबके बीच ख़ुद को उनका साबित कर देता है। तभी जिम्मेदारी का भाव दिखता है। क्योंकि जब दूसरे का सुख और पीड़ा अपनी सी लगे तब उसके लिए प्रयास ही जिम्मेदारी का भाव है। कोई भी तभी अपनी जिम्मेदारी समझेगा जब वह दूसरे के लिए कुछ करने को तैयार होगा। क्योंकि अगर देखकर अनदेखा कर रहे हो तो वह अजनबियों जैसा व्यवहार है। और अजनबी या गैर फिक्रमंद कभी भी जिम्मेदारी नहीं निभाते।
अब जिम्मेदारी को एक दूसरे नज़रिए से भी देखते हैं। ये सिर्फ़ बाध्यता नहीं होती। बल्कि ख़ुशी भी बनती है। नवजात के जन्म के बाद जो नए अभिभावक बने होते हैं उन्हें वो जिम्मेदारी मीठी लगती है। विवाहोपरांत ससुराल के प्रति बहू और दामाद को ये जिम्मेदारी निभाना अच्छा लगता है। इन दो उदाहरणों से कहने का तातपर्य ये है कि जब किसी जिम्मेदारी का परिणाम सुखद होता है तब हम उसे निभाने में खुशी महसूस करते हैं पर जब कोई जिम्मेदारी परिणामविहीन होती है। तब उसमें अपना सौ प्रतिशत देना सम्भव नहीं हो पाता। लेकिन फिर भी जीवन में ऐसे कई अवसर आते हैं जब परिणामविहीन जिम्मेदारी का वहन करना पड़ता है ।
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