⏰ समय का रोना क्यों रोना 🕰️

⏰ समय का रोना क्यों रोना 🕰️

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आख़िर समय ना होने का रोना क्यों रोना

हर पल व्यस्तता का बोझा क्या ढोना

पसंदीदा के लिए तुम्हारे पास वक्त ही वक्त है

फ़िर चाहे सुकूं की सांस की फुर्सत हो ना

जहां मन ना हो....सोच कहीं और भटक रही

वहां मन लगाने की फितरत कैसे होएगी ?

जुड़ने की लगन ना हो तो एक सीढ़ी ऊंचाई भी

होयेगा पहाड़ का सबसे ऊपरी कोना

मनचाही फ़िल्म, रुचिकर संगीत और नाटक के

वास्ते तो व्यस्तता को भी खाली कर देते हो

फ़िर कोई ऐसा प्रिय जो तुम्हारे लिए खाली हो

उसके लिए तनिक खुद को तत्पर करो ना

इतने भी व्यस्त नहीं कि ज़िन्दगी जो स्वतः दे रही

उसे अनदेखा करके कुछ और ही चुनो

अपने लिए तो जी रहे हो थोड़ा अपने चाहने वालों

के लिए भी सक्षम और समर्पित बनो ना...!

           ~ जया सिंह ~

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