कुछ तो ख़ास है हममें

कुछ तो ख़ास है हममें 🙋

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कुछ तो ख़ास है हम में, तभी तो अलग दिखते हैं

औरों के जैसे तो कई भीड़ भरे बाजारों में बिकते हैं

हम जैसा कोई नहीं ये खुद को पहचाना तो जाना

जिन्हें जड़ों पर यकीं हो वही पेड़ आंधियों में टिकते हैं

ख़ुद को तराशने के वास्ते बहुत से मुकाम बदले

निखर पाते हैं वही जो अपनी स्थिरता से खिसकते हैं

कल की राह क्या तकना, हमनें आज को चुना

वो लोग क्या आगे बढ़ेंगे तो बीते कल में ही झींकते हैं

हमने वक्त को व्यक्तिव तराशने का मौका दिया

वो मजबूत होते हैं जो वक्त की भट्टी में पककर सिकते हैं

ख़ुद को ताजा रखने को हम खाद पानी देते रहे

ऊर्जा व पोषण की कमी की वजह से ही मुरझाए फिंकते हैं

अलग सोच अलग विचारधारा अलग पहचान

यही तो हमारी पूंजी है,  तभी तो सबसे अलग दिखते हैं

      ~ जया सिंह ~

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